Tuesday 12 February 2013

मन नहीं कहता की ये सच है, पर क्या यह सच हो सकता है ?

13 - 02 - 2013.                              
  
यह क्या हो रहा है हमारे भारत में ?


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                हले पूर्व स्थल सेनाध्यक्ष श्री व्ही.के. सिंह साहब पर घर से आरोप 

और अब पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एस पी त्यागी साहाब पर विदेश से आरोप, 

आखिर क्यों ?   क्या भारतीय सुरक्षा विभाग में फूट डालने का षडयंत्र है ?

अथवा भारत के राजनीतिक पटल से धुंआ उठाने की तैयारी ? 

क्या है सच ?

                इसलिये अब यह आवश्यक है कि पूर्व वायुसेनाध्यक्ष श्री एस 

पी त्यागी साहाब नें यदि उनसे गलती हुई हो यानी किसी दबाव या 

आर्थिक लोभ के कारण रिश्वत ली गयी हो, तो उन्होंनें स्वयं इसे स्वीकार 

कर लेनी चाहिए क्योंकि वे सच्चे भारत माता के पुत्र है। परन्तु यदि 

आरोप झूठें हों तो निर्भीकता पूर्वक संभावित षडयंत्र का प्रतिकार करके 

''दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए ।''   श्री त्यागी जी क्या 

करेंगे? भारत की जनता श्री त्यागी जी के हर बयान और कृति का स्वागत 

करेगी तथा आवश्यकतानुसार उनका पूरा साथ देगी, केवल वे इस विषय 

को राजनीतिक नहीं बननें देवें, जिससे देश में राजनीतिज्ञों के मध्य 

वाक्युद्ध शुरू होकर अशांति व तनाव का वातावरण ना बनें यह अपेक्षित 

है

.......... चंद्रकांत वाजपेयी { जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता }  औरंगाबाद.

ई - मेल :  chandrakantvjp@gmail.com 

Saturday 24 November 2012

"जेष्ठाच्या प्रयत्नाने २६/११ च्या साक्षीदाराला मिळाला शाळेत प्रवेश." (ही बातमी खाली डीबी स्टार मध्ये वरून दुसर्या स्थानावर वाचावी .)

"जेष्ठाच्या प्रयत्नाने २६/११ च्या साक्षीदाराला मिळाला शाळेत प्रवेश."   
(ही बातमी खाली डीबी स्टार मध्ये वरून दुसर्या स्थानावर वाचावी .)

Tuesday 20 November 2012

जब आम आदमी के विचारों की होती है उपेक्षा और रहती है केवल नेताओ की भाषा .........

 दिनांक :-- २0  नोव्हेंबर  २०१२.

     
जब आम आदमी के विचारों की होती है उपेक्षा


और रहती है केवल नेताओ की भाषा ।



तब डूबती इज्जत,  दूर होती सत्ता, 

हो जाते मतभेद  और  पार्टी की होती अवदशा.

      


गडकरी ब्रांड कश्तीमें हुआ एक छेद,  फिर भी नौका पार लगाना  है,

२७२+ की चुनौती को अब केवल,मोदी ब्रांडिंग से ही पूरा करना है |

काश श्री नितिन गडकरीजी ०६ नवम्बर २०१२ को मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति द्वारा 

फेसबुक और ट्विटर पर लिखे निम्नांकित विचारों पर अमल करते तो वे 


स्वयं  भा.ज.पा.  के  साथ  देशभर  में  नैतिकता  से  ओतप्रोत  कहलाते, 


अत्याधिक सम्मान पाते और श्री यशवंत सिन्हा सहित अन्य भा.ज.पा. 

नेताओं के लिए विरोधात्मक बोलनें का अवसर उत्पन्न नहीं होने देते। 


काश मेरी बात मान ली जाती,  तो भाजपा की अंतर्कलह और वरिष्ठतम 

कार्यकर्ताओं की आपसी फूट ना कभी उजागर होती और नाही साख की 

हानि होती। दुर्भाग्य से आज भाजपा के सभी स्तरों के नेता कौंग्रेस के पद 

चिन्हों पर चलते हुवे आम इंसान के विचारों को महत्त्व देना भूल चुके है जो 

विनाश काले विपरीत बुद्धि का परिचायक है यह कहनें की आवश्यकता नहीं है।

          
 मेरे द्वारा देश में नैतिकता और आदर्श की स्थापना के साथ -साथ 

भाजपा की सुरक्षा हेतु, ०६ नवम्बर २०१२ को उद्घृत विचार निम्नानुसार थे:--

06 / 11 / 2012. 

क्या श्री नितिन गडकरीजी आदर्श व समर्पण का परिचय देंगे ?


                       ह सभी जानते है कि श्री नितिन गडकरी केवल भरत भूमि के परम वैभव के लिए जीनें 

वाले, पूरी तरह से अनुशासित व ईमानदार लोगों के सानिध्य में छोटे के बड़े हुवे है । अर्थात राष्ट्रभक्त 

संस्था आर.एस.एस. के वे अनुशासित और संस्कारित स्वयंसेवक रहे है ।

  इसलिए भारत के कल्याण, देश में आदर्श व्यवस्था की स्थापना के अवसर, भाजपा की सुदृढ़ता 

और स्व-नैतिकता के मद्दे नजर स्वयं गडकरीजी को बड़े उदारवादी मन के साथ आगे आना चाहिए,  

यह उनसे अपेक्षित है | "  इस समय उन्होंने उनके विरुद्ध चल रही शासकीय जांच की रिपोर्ट आनें 

तक दल के अध्यक्ष पद पर रहनें के बावजूद अपना कार्यभार उपाध्यक्ष को या अन्य किसी को जिन्हें 

पार्टी अधिकृत करे, सम्भलवाकर अवकाश पर चले जाना चाहिए | इसके अतिरिक्त श्री गडकरी 

जीनें उपरोक्त उल्लेखित अवकाश अवधि में पार्टी के समस्त निर्णयों के लिए स्वयं को मुक्त कर लेना 

चाहिए| शायद यही समर्पण उनके द्वारा देश के नागरिकों और भारतीय जनता पार्टी को दिया जानें 

वाला जीवन का सर्वश्रेष्ट उपहार तथा त्याग व चुनौती का परिक्षण होगा|                                                                                                       


ऐसे कठोर समय भाजपा दल के कार्यकर्ताओं और संघ में उनके प्रतिनिष्ठा और विश्वास होनें के 

बावजूद क्या श्री नितिन गडकरी जी उपरोक्त समर्पित कृति को चरितार्थ करनें का साहस दिखाएँगे 

और देश के हर नागरिक के मन में स्वयं अपनी स्वच्छ छबि स्थापित करेंगे ?



Tuesday 10 July 2012

आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थाओं की स्थापना कर म.प्र. को देश का पथ - प्रदर्शक राज्य बनाने विषयक.

From: Chandrakant Vajpeyi <chandrakantvjp@gmail.com>
Date: 2012/7/10
Subject: आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थाओं की स्थापना.  म.प्र. को देश का पथप्रदर्शक राज्य बनाने विषयक.



 १० / ०७ / २०१२.      विज्ञान व प्रौद्योगिकी समावेशित
                भ्रष्टाचारमुक्त भारत निर्माण आंदोलन
                     गैर राजनीतिक व गैर व्यापारिक ज्ञान-विज्ञान विकास समूह ]
                                                                                                         समुह का पंजीयन प्रतीक्षित )
                                         { संयोजक : चंद्रकांत वाजपेयी. जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता }
                       मोबा. क्रमांक : +९१ ९७३०५००५०६.  ई-मेल : chandrakantvjp@gmail.com   
                ल १/५कासलीवाल विश्वउल्कानगरी,पार्वतीनगरारखेडाऔरंगाबाद. ४३१००५.  

प्रतिष्ठा में,
                ( १ )    माननीय शिवराज सिंह चौहान साहेब. ( मुख्यमंत्री )
                         मुख्यमंत्री कार्यालय, मध्य प्रदेश शासन, भोपाल म.प्र. 

                 ( २ )                    माननीय मुख्य सचिव महोदय, 
                           म.प्र. शासन.  मुख्य  सचिव कार्यालय, भोपाल (म.प्र.)  


   माध्यम : -   जिलाधीश  ग्वालियर,  मध्य प्रदेश.


  विषय :-              आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थाओं की स्थापना.  
                    म.प्र.  को  देश का   पथ - प्रदर्शक  राज्य बनाने विषयक. 

आदरणीय मुख्य मंत्री जी, 
                                                 यह हर्ष और संतोष का विषय है कि सुराज व्यवस्थाओं की स्थापना में  म.प्र. द्रुत गती से अग्रेसरित हो रहा है |   प्रामाणिक प्रशासनिक व्यवस्थाये,  सरकार द्वारा आम आदमी के लाभ से जुडे कार्याक्रमो की प्रस्तुती,  " मा. मुख्यमंत्रीजी की   एक सच्चे जनसेवक के रूप में व्यावहारिक प्रस्तुती " और सत्ता पक्ष के  कार्यकर्ताओं की सकारात्मक भूमिका ही उपरोक्त हर्ष भरे सकारात्मक परिणामो की निर्मिती कर रही है 

                     "  प्रदेश सरकार को हार्दिक बधाई और अभिनंदन. " 

मान्यवर,  यह  सुस्पष्ट हो चुका है कि आज मनुष्य का धन पर अनियंत्रित लोभ और देशभर में स्थापित राजनीतिक माहौल,  किसी भी प्रामाणिक व्यक्ति अथवा ईमानदार शासन को आर्थिक अपराध या भ्रष्टाचार में लिप्तता के आरोपो से मुक्त रखने कि स्थिती  में नही है |  अत: राष्ट्रपतीजी से लेकर हर राष्ट्रभक्त नागरिक  /  समाजसेवी  और  शासक  केवल  चिन्तित  ही  नही  है ,  अपितु  इस  कठोरतम  समस्या  के  निदान  के  लिये   रात-दिन  एक  कर  रहे  है  | 

              विगतवर्ष  १९ जून २०११  को   ई-मेल  /  निम्न  लिंक  के माध्यम  से "लोकपाल  मसौदा समिती"  (अण्णा टीम व  केंद्र सरकार के मंत्रियो की टीम) के सामने   " देश  में  भ्रष्टाचार मुक्ती  "  विषय पर  निवेदनकर्ता ने  आग्रह  किया था कि   : --
  "  ६ माह के भीतर प्रत्येक  सरकारी  एवं  गैरसरकारी  प्रतीष्ठानो  को  अनिवार्यत:  उनकी  वेबसाईट बनाना, उनके सभी आर्थिक व्यवहार केवल ई - बँकिंग पद्धती से करना ( केवल प्लास्टिक मनी पद्धती द्वारा करना ) और  कागजी कैशबुक के साथ-साथ  ई - कैशबुक संचालन करना  अनिवार्य और  बंधनकारी किया जावे.

 ( लिंक नीचे दी गयी है, कृपया यथावश्यकता अवलोकन करे.)                             
[image]scan0001.pdfhttps://mail-attachment.googleusercontent.com/attachment/?ui=2&ik=0f7d479db7&view=att&th=130a7b9f87e17524&attid=0.1&disp=safe&realattid=file0&zw&saduie=AG9B_P_4UXjujToWNjHeCrnaDgKI&sadet=1340950598727&sads=B4nxsGCAsH2jDWR81vjKB6KFsho&sadssc=1





  •                                          इस पत्र  /  ई-मेल द्वारा मध्य प्रदेश शासन से आग्रह पूर्ण निवेदन है कि  मध्य प्रदेश में   "  ६  माह  के  भीतर  प्रत्येक   सरकारी   एवं   गैर  -सरकारी   प्रतीष्ठानो   को अनिवार्यत:  उनकी  वेबसाईट बनाना, उनके सभी आर्थिक व्यवहार केवल ई-बँकिंग पद्धती से करना ( केवल -प्लास्टिक -मनी पद्धती द्वारा करना ) और  कागजी कैशबुक के साथ-साथ ई - कैशबुक संचालन करना  अनिवार्य और  बंधनकारी किया जावे.   इस प्रकार   म. प्र.  को  आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थाओं  की स्थापना करने वाला देश का पथ-प्रदर्शक राज्य बनाया जावे।                                                                                                                                                              है  
  •               विश्वास है कि  ग्वालियर के सम्माननीय जिलाधीश जी देशहित का विचारकर और अपने कर्तव्य का परिचय देकर अनुशंसा सहित इस पत्र को म.प्र. शासन के पास शिघ्रताशिघ्र प्रेषित करेंगे और इसकी सुचना पत्र-प्रेषक को देंगे |  इसी प्रकार यह भी विश्वास है कि  प्रदेश के प्रिय आदरणीय मुख्यमंत्रीजी, मंत्रीमंडल के सभी सदस्य, सत्ता पक्ष के पदाधिकारी और  सभी शासकीय अधिकारी - कर्मचारी अपने प्रामाणिक चरित्र कि प्रस्तुती  के लिये उपरोक्त स्थापना कर प्रदेश को गौरवान्वित करेंगे| 



  •                              उपरोक्त कृती के लिये मै सभी का अत्यंत आभारी रहूंगा |


    शुभकामनाओं सहित, 

      राष्ट्रहितार्थ प्रतिबद्ध,              



    चंद्रकांत वाजपेयी.  मोबा. क्र. : -   +९१९७३०५००५०६.  ई - मेल : -  chandrakantvjp@gmail.com 





                       

                    

    Thursday 28 June 2012

    " जनता का विश्वास एवम देशहित हेतु बहुमूल्य सुझाव "


    28 / 06 / 2012. 
                            जनता का विश्वास

    एवम 

     देशहित हेतु बहुमूल्य सुझाव " 


    भाजपा निम्नबिन्दुओं व सुझावों पर सोचे कि उसनें 


    ऐसा क्यों किया ? या  क्यों नहीं किया ?  


    जो नहीं करना चाहिए वह बार-बार क्यों दोहराया ?


    क्या भूलें दोहरानें से देश का नुकसान नहीं है ? 

    क्या निम्नांकित आधार पर दी जानें वाली उम्मीदवारी 
    और

    विजयश्री प्राप्त 
    महानुभावों के द्वारा 






    भाजपा का सुराज देश में  कभी भी संभव होगा?  
      दि नहीं तो फिर ऐसे उम्मीदवार क्यों ?

    (१) आठवी से कम पढ़े-लिखे कार्यकर्ताओं को उम्मीदवारी.

    ( सुझाव : ग्रेजुएट को टिकट दिए जावे. )

    (२) ६० - ६२ वर्षों से अधिक आयु अथवा अशक्त-अस्वस्थ- 

    रोगग्रस्त महानुभावों को उम्मीदवारी. 

       ( सुझाव : ६०वे या ६२वे वर्ष की आयु में पद त्याग -

        सुनिश्चित करनें व सुस्वस्थ स्थिति में रहने की शर्त 

    के आधार पर टिकट दिए जावे. ) 


    (३) अपराध के आरोप दर्ज और न्यायालय में अपराधों से 

    आरोपित मुकदमे लढ़ रहे लोगों को उम्मीदवारी.

    ( सुझाव : उपरोक्त स्थिति में स्थापित किसी भी 

    व्यक्ति को टिकिट नहीं दिए जावे. )


    (४) आय से अधिक संपत्ति धारी व्यक्ति को उम्मीदवारी.

    ( सुझाव: ऐसे किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया जावे. )

    (५) जाती - संप्रदाय या धर्म के आधार पर उम्मीदवारी.

    ( सुझाव:किसी भी स्थिति में इस आधार पर टिकट ना देवें )


    (६) दुसरे दल से भागकर भाजपा का दामन थामनें वालों 

    की तत्काल उम्मीदवारी.

    ( सुझाव : ऐसे किसी भी व्यकी को टिकट ना देवे. )

    (७) प्रति तीन माह में अपनें आय - व्यय को सार्वजनिक 

    करने का साहस ना रख सकनें वाले बुझदिल 

    कार्यकर्ता की उम्मीदवारी.

    ( सुझाव : केवल उसी को टिकट देवे जो उपरोक्त साहस 

    दिखानें को सुनिश्चित करे. )

    --: दल को विशेष सुझाव :--   

    भाजपानें उम्मीदवार को किस आधार पर और 

    क्यों उम्मीदवार बनाया है ? 

    यह स्पष्ट तौर पर सार्वजनिक करे.

    क्या यह विश्वास करे कि भा. ज. पा.

     जो सच्चे राष्ट्रभक्त महानुभावों 

    द्वारा गठित राजनीतिक दल है,

     वह उपरोक्त सभी प्रश्नों के उत्तर 

    सार्वजनिक करके 

    देशवासियों के सामने आदर्श दल की प्रस्तुति करेगा ? 

      ............   शुअकामनाओं सहित  ............

    ... चंद्रकांत वाजपेयी. जेष्ठ नाग.एवं सामाजिक कार्यकर्ता.

    ई-मेल : chandrakantvjp@gmail.com